Sunday 4 January 2015

उसकी मुस्कान से पड़ता है मेरी सेहत में फर्क ,
और लोग पूछते है दवा का नाम क्या है !!
धीरे-धीरे सब छोड़ कर चले जाते हैं....
दिसम्बर तो सिर्फ एक महीना था
"कुछ लोगों के लिए मैं हो गया बीता हुआ कल,
जो कभी रखते थे अपनी पलकों पर,
आज कहतें हैं चल दिल से निकल"
वो वादे तेरे रह रह के तडपाते हैं, 
तूने ही तो कहा था कि हम कभी जुदा न होंगे।

Saturday 3 January 2015

सब सो गये


चाहते हैं वो


Tuesday 30 December 2014

सब सो गये ख़ुशी ख़ुशी अपना हाल ए दिल बयाँ करके..
अफ़सोस की मेरा कोई नही जो मुझसे कहें तुम जाग क्यों रहे हो...!!